p.m. बिहार में इन दिनों अचानक राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं. कुशवाहा शिक्षा के लिए मानव श्रृंखला बनाते हैं और उसमें राजद शामिल होता है. राजद के थिंक टैंक शिवानंद तिवारी आनंद मोहन से मिलने जेल में चले जाते हैं. राजद की तरफ से कहा जाता है कि पप्पू यादव तो अपना आदमी है. जीतनराम मांझी अफसोस जताते हैं कि विधानसभा भंग नहीं करना उनकी सबसे बड़ी भूल थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी प्रेस को बताते हैं कि कोई भ्रम में न रहे एनडीए ही जीतेगा. और कभी अपने…
Read Moreश्रेणी: अटकलबाजी
क्या सुशील मोदी बिहार भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी हैं? #जन्मदिनविशेष
P.M. आज बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का जन्मदिन है. बिहार की राजनीति जिन तीन बड़े नेताओं के ईर्द-गिर्द घूमती है, उनमें से एक वे हैं, बांकी दो लालू और नीतीश हैं. लालू को सत्ता से विस्थापित करने और भाजपा को बिहार में स्थापित करने में सुशील मोदी की बड़ी भूमिका रही है. 2005 में भी और 2017 में भी. मगर क्या डिप्टी सीएम बने रहना ही सुशील मोदी का प्रारब्ध है? जिस तरह लालकृष्ण आडवाणी डिप्टी पीएम बन कर ही भाजपा की राजनीति से रिटाय़र हो गये.…
Read Moreगुजरात के फैसले से पहले पढ़िये कथा ‘चिमन-चोर’ सिंड्रोम की
P.M. आज गुजरात का फैसला आने वाला है. फैसला कुछ भी हो सकता है. मोदी की लाज भी बचा सकता है, राहुल का पहला ब्रेक भी दिला सकता है. मगर इससे हम बिहारियों का क्या लेना-देना. हमें गुजरात क्या देश के किसी कोने में होने वाले चुनाव से कोई फर्क नहीं पड़ता. और तो और अपने बिहार में होने वाले नतीजे को भी हम पलट डालते हैं. हारने वालों को राज-पाट दिला देते हैं. खैर, जीत-हार राजनीति के किस्से हैं. इन्हीं किस्सों में एक बड़ा दिलचस्प किस्सा है, मुख्यमंत्री चिमन…
Read More“बुझलियै, रैय्याम चीनी मील खुजै बला छै”
आदित्य मोहन झा कुछ ही दिन पहले धनकटनी करके पंजाब से लौटा ‘जोगिया’ आज बहुत खुश था. सांझ में जब गामक हाट से लौटा तो उसके पास घर वालों को बताने के लिए एक खबर थी. ‘मैनाबाली’ को सब्जी का झोरा धराने वक्त माथ से गमछा हटाते हुए वो सब कुछ एक ही बार में कह देना चाहता था. लेकिन फिर उसने उसे जल्दबाजी में इशारा किया चमरटोली के बीच मे बने बाँसक मचान की तरफ आने को और स्वयं आगे बढ़ गया. बकरी-छकरी, भैंस, अधनंगे बच्चों, खाँसते बूढ़े-बूढीयों, घूर-धुआं,…
Read Moreगुजरात चुनाव डायरी- एक अकेले पुजारी के लिए क्यों बनता है स्पेशल पोलिंग बूथ?
गुजरात के ऊना विधानसभा क्षेत्र के बानेज गांव में फिर एक स्पेशल पोलिंग बूथ बन रहा है. इस पोलिंग बूथ पर एक ही मतदाता को वोट देना है, जो गिर वनों में स्थित लाइन सफारी के बीच बने एक मंदिर का पुजारी है. उस पुजारी को वोट दिलाने के लिए पिछले तीन चुनावों से दो पुलिसकर्मी और चार मतदानकर्मी उस भीषण जंगल में जाते हैं और इलेक्शन ड्यूटी करवा कर लौटते हैं. अपने लिए इस स्पेशल ट्रीटमेंट से खुश वह पुजारी हर साल पत्रकारों को बयान देता है. सवाल यह…
Read Moreक्या हर बार अभिनय करते हुए पकड़े जाना ही राहुल गांधी की ट्रैजडी है?
क्या सचमुच राहुल गांधी की यह ट्रैजडी है कि उनकी पार्टी, उनके अभिभावक और उनके सिपहसालार उनके खूबियों पर भरोसा नहीं करते. हर बार उन्हें एक पीआर कैंपेन उपलब्ध कराते हैं और उसे कॉपी करने का दवाब डालते हैं. लिहाजा अभिनय का तिलिस्म टूट जाता है और हर बार उनकी हर कोशिश एक कॉमेडी में बदल जाती है? जैसा कि इस दफा हुआ, जब एक ट्विटर यूजर ‘आयरनी मैन’ ने उनके हालिया बहुप्रचारित और बहुप्रशंसित पोलिटिकल कैंपेनिंग की ऐसी-तैसी कर दी और सिलसिलेवार तरीके से बताया कि यह तो कनाडाई…
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